कोलकाता में एसटीएफ के हत्थे चढ़े आईएस के चार आतंकी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में इस्लामिक स्टेट(आईएस) के चार आतंकियों को पकड़ने में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार की शाम यानी 24 जून से लेकर मंगलवार सुबह सुबह तक हावड़ा और सियालदह स्टेशन के आसपास छापेमारी कर चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। इस बारे में एसटीएफ के उपायुक्त शुभंकर सिन्हा सरकार ने मंगलवार सुबह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों में एक पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले का तथा तीन बांग्लादेश के निवासी हैं। आतंकी रबिउल इस्लाम(35) बीरभूम जिले के मित्रपुर क्षेत्र अंतर्गत नयाग्राम का रहने वाला है। जबकि मोहम्मद शाहीन आलम उर्फ अलामिन(23)  बांग्लादेश के राजशाही जिला अंतर्गत गोदागिरी थाना क्षेत्र के बुजरक राजरामपुर का रहने वाला है। एक अन्य आतंकी मोहम्मद जियाउर रहमान उर्फ मोहसीन उर्फ जाहिर अब्बास(44) बांग्लादेश के चपाई नवाबगंज जिला अंतर्गत नाचोल थाना क्षेत्र के निजामपुर गांव का रहने वाला है। चौथा आतंकी मुनव्वर रशीद(33) भी बांग्लादेश के रंगपुर जिला अंतर्गत बॉर्डर गंज थाना क्षेत्र के मोमिनपुर गांव का निवासी है। डीसीपी शुभंकर ने बताया कि 24 जून को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि कोलकाता में आईएस के आतंकी घुस चुके हैं। ये बांग्लादेश में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए सीमा पार कर यहां आए थे। उसके बाद तुरंत एसटीएफ की टीम पूरे महानगर में फैल गई थी। बाद में सियालदह रेलवे स्टेशन की पार्किंग क्षेत्र में दो संदिग्धों की मौजूदगी की खबर पर एसटीएफ टीम ने उन्हें पकड़ा। ये दोनों जियाउर रहमान और मुनव्वर रशीद थे। तलाशी में इनके पास से जिहादी किताबें, फोटो, वीडियो, मैसेज और साहित्य बरामद हुए। इन दोनों से मैराथन पूछताछ शुरू की गई तो पता चला कि बाकी के दो आतंकी मोहम्मद शाहिद आलम और बीरभूम का रबिउल इस्लाम हावड़ा स्टेशन पहुंचने वाले हैं। इनकी जानकारी के बाद मंगलवार तड़के एसटीएफ टीम ने छापेमारी की और हावड़ा स्टेशन के पास से अन्य दोनों को भी गिरफ्तार किया गया। इनके पास से भी जिहादी दस्तावेज बरामद हुए।

गिरफ्तारी से बचने के लिए आए थे भारत:
शुभंकर सिन्हा ने बताया कि चारों आतंकियों से मैराथन पूछताछ में पता चला कि बांग्लादेश के तीनों आतंकी कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। मूलरूप से सोशल साइट के जरिए नए आतंकी भर्ती करना और उन्हें तैयार करने की जिम्मेदारी इनकी थी। बांग्लादेश पुलिस को इनकी भनक लग गई थी। दूसरी ओर सुरक्षा एजेंसियां भी इनके पीछे पड़ गई थीं। इसीलिए बचने के लिए दोनों ने सीमा पार कर पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था।

तख्तापलट कर शरीयत राज स्थापित करना चाहते थे आतंकी:
डीसीपी शुभंकर ने बताया कि पूछताछ में चारों आतंकियों ने बताया कि भारत और बांग्लादेश की लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर वहां शरीयत राज कायम करना चाहते थे। इसके जरिए सोशल साइट्स और जमीनी स्तर पर नए आतंकियों की भर्ती करने का काम इनका था।

पश्चिम बंगाल में भी कई युवाओं को दे चुके हैं ट्रेनिंग:
पूछताछ में आतंकियों ने बताया कि वे लंबे समय से बंगाल और आसपास के राज्यों में रह रहे थे। यहां इनका काम आतंकी गतिविधियों के लिए फंड एकत्रित करना और अधिक से अधिक आतंकी तैयार करना था। इन लोगों ने कई युवाओं को अपने आतंकी संगठन से जोड़कर ट्रेनिंग दी है। लोगों को जिहादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए इन लोगों ने ऑडियो मैसेज भी रिकॉर्ड किया था। विशेषकर वीडियो और ऑडियो को सोशल साइट पर साझा करते थे और नए लोगों के बीच जमीनी स्तर पर बुकलेट बांटते थे। ये सारे दस्तावेज एसटीएफ ने इनके पास से बरामद किए हैं। इनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 121, 121 ए, 122, 123, 124 ए, 125, 467 और 468 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा विदेशी अधिनियम की धारा 14 (ए और बी) के तहत भी केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। इनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उनके और साथी पश्चिम बंगाल में कहां-कहां हैं।

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